आध्यात्म - 01 June, 2020

कैसा हो आपके घर में आपके मेहमानों का कमरा ?

वास्तु विज्ञान किसी भवन में दिशाओं के उचित प्रयोग द्वारा अधिकतम लाभ प्राप्त करने की एक प्राचीन भारतीय पद्धति है। वास्तु शास्त्र में कई नियमों का उल्लेख किया गया है...

वास्तु विज्ञान किसी भवन में दिशाओं के उचित प्रयोग द्वारा अधिकतम लाभ प्राप्त करने की एक प्राचीन भारतीय पद्धति है। वास्तु शास्त्र में कई नियमों का उल्लेख किया गया है जो स्वास्थ्य, वित्तीय, वैवाहिक एवं शिक्षा तथा करियर में लाभ प्राप्त करने में सहायता करते हैं। भारतीय संस्कृति में अतिथि को देवता माना गया है,इसलिए उनके सम्मान और सुख-सुविधा का ध्यान रखना अति आवश्यक है। घर में गेस्ट रूम के स्थान को निर्धारित करने के लिए वास्तु में कुछ नियम बताए गए हैं। गेस्ट रूम को वास्तु-शास्त्र के नियमों के अनुरूप घर की सही दिशा में स्थापित करना चाहिए जिससे अतिथि के साथ अच्छे एवं सम्मानजनक संबंध स्थापित हो सके।

अलग-अलग दिशाओं में बना मेहमानों का कमरा आपके जीवन एवं संबंधों को अलग-अलग प्रकार से प्रभावित करता है। पूर्व दिशा में बना अतिथियों का कमरा,अतिथियों के साथ आपके अच्छे संबंधों और सहयोग को बढ़ाता है।वहीं अतिथि कक्ष के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा आदर्श स्थान है यह कोना निरन्तर चलायमान एवं गति को प्रदर्शित करता है क्योंकि इस दिशा के अधिपति वायु देव है जिनकी प्रकृति निरन्तर चलायमान है अतः मेहमान शीघ्र अच्छे संबंधों को बनाए रखते हुए घर से विदा होंगे। 'अतिथि देवो भवः' की परंपरा के अनुसार ईश की दिशा उत्तर-पूर्व में मेहमानों का कमरा बनाया जा सकता है।  

दक्षिण-पूर्व दिशा में मेहमानों का कमरा बनाने से परहेज करना चाहिए क्यों कि यह धन आगमन की दिशा मानी जाती है।इस जोन में अतिथि कक्ष होने से धनप्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यश और प्रसिद्धि का दिशा क्षेत्र दक्षिण दिशा में भी अतिथि कक्ष नहीं बनाएं, ऐसा करने से समाज में आपकी पहचान चमक फीकी हो सकती है। दक्षिण-पश्चिमी कोने में अतिथि कक्ष का निर्माण नही किया जाना चाहिए क्योंकि यह कोना वास्तु-शास्त्र के अन्तर्गत केवल घर मालिक के लिए निर्धारित है।पश्चिम जोन में गेस्टरूम होने से आपको, आपके कार्यों में अस्थाई तौर पर ही लाभ प्राप्त होंगे।इसलिए इस दिशा में गेस्टरूम नहीं होना चाहिए। करियर के दिशा क्षेत्र उत्तर में यदि मेहमानों का कमरा हो तो आपके जीवन में तरक्की के नए अवसर भी अस्थाई होकर मेहमान की तरह ही आएँगे इसलिए इस दिशा में भी अतिथि कक्ष नहीं होना चाहिए।

दक्षिण-पूर्व दिशा में मेहमानों का कमरा बनाने से परहेज करना चाहिए क्यों कि यह धन आगमन की दिशा मानी जाती है।इस जोन में अतिथि कक्ष होने से धनप्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। यश और प्रसिद्धि का दिशा क्षेत्र दक्षिण दिशा में भी अतिथि कक्ष नहीं बनाएं, ऐसा करने से समाज में आपकी पहचान चमक फीकी हो सकती है। दक्षिण-पश्चिमी कोने में अतिथि कक्ष का निर्माण नही किया जाना चाहिए क्योंकि यह कोना वास्तु-शास्त्र के अन्तर्गत केवल घर मालिक के लिए निर्धारित है।पश्चिम जोन में गेस्टरूम होने से आपको, आपके कार्यों में अस्थाई तौर पर ही लाभ प्राप्त होंगे।इसलिए इस दिशा में गेस्टरूम नहीं होना चाहिए। करियर के दिशा क्षेत्र उत्तर में यदि मेहमानों का कमरा हो तो आपके जीवन में तरक्की के नए अवसर भी अस्थाई होकर मेहमान की तरह ही आएँगे इसलिए इस दिशा में भी अतिथि कक्ष नहीं होना चाहिए।

ICC चेयरमैन पद की रेस में सौरव गांगुली, जल्द शुरू होगी नए अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया

वर्षों से चली आ रही परंपरा, लद्दाख के चुशोत गांव में हर घर में है सैनिक

अमेरिका में कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे, 24 घंटे में आए रिकॉर्ड 52 हजार केस

BJP के दो नेताओं को कमलनाथ ने भेजा कानूनी नोटिस 

तेहरान में हुए मेडिकल क्लीनिक में भीषण बम धमाका, कम से कम 13 की मौत

छत्तीसगढ़ में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में हो बेहतर कार्य-पर्यटन मंत्री

Doctor's Day: पेशंट निकली कोरोना पॉजिटिव तो फूट-फूटकर रोई डॉक्टर

बिना मास्क व आरोग्य सेतु ऐप के नहीं मिलेगी इंट्री, ग्रुरुग्राम-फरीदाबाद में आज से खुलेंगे मॉल

दुर्गम वन क्षेत्रों में निवासरत ग्रामीणों-वनकर्मियों को 71 लाख रुपये की आर्थिक सहायता

भारत स्पाइस-2000 बम का अडवांस वर्जन खरीदने की योजना बना रहा

वन्य प्राणी और अवयवों का अवैध व्यापार करने वाले गिरफ्तार

चीन को अब ऐसे 'शॉक' देने की तैयारी में भारत, पैंतरेबाजी नहीं छोड़ रहा चीन 

भारत में कोरोना वायरस से एक दिन में रिकॉर्ड 507 लोगों की मौत, 24 घंटे में सामने आए 18653 पॉजिटिव केस

केपी शर्मा ओली ने बुलाई कैबिनेट की बैठक, खतरे में नेपाल के प्रधानमंत्री की कुर्सी

चीन ने LAC पर तैनात किए 20 हजार जवान, 10 हजार को बैकअप में पीछे रोका